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जानें ब्लॉकचैन को क्यों पसंद करने लगीं कंपनियां और सरकार
डेटा स्टोर करने की पारम्परिक पद्धतियों की छमताएँ काफी सीमित है जबकि ब्लॉकचैन की छमताएँ असीमीत। अगर किसी हैकर ने किसी स्टोरेज ऑथॉरटी की साइट हैक कर डाटा में कुछ फेरबदल कर दिया या डाटा नष्ट कर दिया तो उस डाटा पर निर्भर रहने वाले सारे काम काज पूरी तरह से ठप्प हो जाएंगे। ऐसी घटना कुछ बड़े स्तर पर आई प्राकृतिक आपदा की वजह से भी हो सकता है पर ब्लॉकचैन इन समस्याओं से पूरी तरह से सुरक्षित है।
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पिछले पांच नवंबर को पहली बार रिलायंस कंपनी को ब्लॉकचैन के माध्यम से पेमेंट किया गया। वैसे अभी भारत में ब्लॉकचेन पर आधारित वर्चुअल करंसीज पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है, पर फिर भी इस तकनीक में कई उद्योगों में बड़े बदलाव की छमता है।
आइये जानते हैं की ब्लॉकचैन क्या है, इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित है और इसका भविष्य क्या हो सकता है.
क्या ब्लॉकचेन का बिटकॉइन से कुछ लेना-देना है?
जब बिटकॉइन की शुरुआत हुई तो ब्लॉकचैन का ही उपयोग बिटकॉइन के सभी लेनदेन को स्टोर करने वाले डेटाबेस के रूप में किया जाता था इसलिये यह कहना गलत नहीं होगा की ब्लॉकचैन ही बिटकॉइन की पहली कड़ी है। ब्लॉकचैन के बिना बिटकॉइन को समझा नहीं किया जा सकता।
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इसे ब्लॉकचेन क्यों कहते हैं?
बिटकॉइन की मूल दस्तावेजों में ब्लॉगकचैन का जिक्र नहीं है क्योंकि वर्चुअल करेंसी के नए डेटाबेस को परिभाषित करने के लिए ब्लॉकचैन शब्द का प्रयोग नहीं किया गया था। पर बाद में इसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया क्योंकि नेटवर्क पर आने वाले सभी ट्रांसक्शन को ब्लॉक्स में बांटने के बाद बेहद परिष्कृत गणित के जरिए सरे ब्लॉक्स को एक साथ जोड़ा जाता है जिस वजह से इसका वापिस जाना संभव नहीं रहता। साथ ही पुराने डाटा में किसी प्रकार की फेरबदल की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
अन्य ट्रांजैक्शन डेटाबेस की तुलना में अलग कैसे है ब्लॉकचेन?
आर्थिक अभिलेखों की संग्रह के इस्तेमाल में आने वाले अधिकतर डेटाबेस की सुरक्षा निगरानी एक केंद्रीय संस्था द्वारा की जाती है। मसलन, बैंक अपने सभी ग्राहकों के खातों के धन की निगरानी के लिए जिम्मेदार है। बिटकॉइन के ब्लॉकचेन डेटाबेस में खाता रखा जाता है और बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटरों द्वारा इसे अपडेट किया जाता है।
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बिटकॉइन की साझेदारी वाली प्रकृति वर्चुअल करंसी के लिए उपयोगी होती है क्योंकि इसे तैयार करने वाले संतोषी नाकामातो ये नहीं चाहते थे कि किसी एक सेंट्रल अथॉरिटी के दम पर वर्चुअल करंसी क्रिएट की जाए। चूंकि रेकॉर्ड्स का संग्रह सामुदायिक स्तर पर किया जाता है, इसलिए इस पर किसी एक कंप्यूटर या संस्था का व्यक्तिगत अधिकार नहीं होता। अगर इसे रखने वाला कोई एक कंप्यूटर हैक कर भी लिया गया या ऑफलाइन मोड में इससे छेड़छाड़ की गई तो दूसरे कंप्यूटर्स काम करते रहते हैं।
क्या सभी ब्लॉकचेन प्रॉजेक्ट्स किसी-न-किसी रूप में बिटकॉइन से जुड़े होते हैं?
नहीं। अधिकतर ब्लॉकचैन ऐसे हैं जिनका बिटकॉइन से कोई सम्बन्ध नहीं। सुरुवाती वर्षों में ब्लॉकचैन से बिटकॉइन का संचालन होने के बाद कुछ लोगों ने सोचा की बिटकॉइन ब्लॉकचेन की प्रणाली को उन खातों को भी सुरक्षित किया जा सकता है जिनका की बिटकॉइन से कोई सम्बन्ध नहीं है।
क्या ब्लॉकचेन का इस्तेमाल सिर्फ वर्चुअल करंसी ट्रांजैक्शन का रेकॉर्ड रखने के लिए ही होता है?
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नहीं। बिटकॉइन ब्लॉकचेन की नकल करने के अब तक कई प्रयाश हो चुके हैं। ज्यादातर शुरुआती प्रयास प्रोग्रामिंग के उन एक्सपर्ट्स ने किया है जो कि बिटकॉइन से थोड़े अलग फीचर की वर्चुअल करंसीज तैयार करना चाहते थे। समय के साथ-साथ, कुछ नई वर्चुअल करसंजी में बहोत से नए और महत्वपूर्ण छमताएँ जोड़े गए जिसने ब्लॉकचेन की प्रणाली को एक नया दृष्टिकोण दिया ताकि यह कुछ और ज्यादा प्रकार की सूचनाओं को हैंडल कर सके।
बीते समय के साथ अब कई कंपनियों और सरकारों ने वैसे डेटा स्टोर करने के लिए ब्लॉकचेन्स का इस्तेमाल करने की इच्छा जताई, जिनका किसी भी प्रकार के लेनदेन से कोई मतलब नहीं है। एक ओर बैंक विभिन्न अकाउंट्स के बीच पेमेंट्स पर नजर रखने के लिए ब्लॉकचेन्स बना रहे हैं तो दूसरी ओर सरकारें ब्लॉकचेन के इस्तेमाल से प्रॉपर्टी रेकॉर्ड्स और वोटों को स्टोर करने के लिए प्रयोग कर रही हैं।
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क्या कोई भी व्यक्ति ब्लॉकचेन से जुड़ सकता है और इसके रेकॉर्ड्स अपडेट कर सकता है?
ज्यादातर बड़ी वर्चुअल करंसीज के साथ कोई भी जुड़ सकता है, इसे देख सकता है और इसके रेकॉर्ड्स मेनटेन करने में मदद कर सकता है। इन्हें पब्लिक ब्लॉकचेन्स कहा जाता है। इस सिस्टम ने तकनीक पर नजर रखने वाले कई बड़े प्लेयर्स को असहज कर दिया। इस वजह से ज्यादातर कॉर्पोरेशनों एवं सरकारों ने प्राइवेट ब्लॉकचेन के साथ हाथ मिलाए जो सिर्फ अप्रूव्ड कंप्यूटरों को ही आंकड़े देखने और इनसे जुड़ने की अनुमति देते हैं।
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बिटकॉइन की चोरी की घटनाओं से यह पता नहीं चलता है कि ब्लॉकचेन सुरक्षित नहीं हैं?
वर्चुअल करंसीज की अधिकतर चोरियां इनके पासवर्ड या प्राइवेट की के चोरी या हैक हो जाने के कारण होते हैं। वर्चुअल करंसीज इस तरह की चोरियों की चपेट में आ सकती हैं क्योंकि अगर हैकर वॉलिट से पैसे निकाल लेता है तो इसे वापस वॉलिट में लाने वाली कोई सेंट्रल अथॉरिटी नहीं होती है। चूंकि प्राइवेट की सुरक्षा के लिहाज से भेद्य हैं, इसलिए ब्लॉकचेन हैकरों के हमले के खिलाफ आम तौर पर ज्यादा सुरक्षित हैं। चूंकि ब्लॉकचेन की टेक्नॉलजी में कई ब्लॉक्स के समूह को सामुदायिक रूप से बांटा जाता है, इसलिए किसी के द्वारा पुराने रेकॉर्ड्स में छेड़छाड़ संभव होता है।
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क्या सच में ब्लॉकचेन, डेटा स्टोर करने की पुरानी पद्धतियों से बेहतर है?
ऐसा कहना गलत है. वर्चुअल करंसीजके उपयोग से पता चल चुका है कि ब्लॉकचेन्स कुछ स्तर पर काम कर सकते हैं, लेकिन उनके अपनी समस्याएं हैं। चूंकि नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटरों में हरेक ट्रांजैक्शन का रेकॉर्ड रहता है, इसलिए ब्लॉकचेन्स की डेटा प्रोसेसिंग की क्षमता सीमित हो जाती है। ब्लॉकचेन डिजाइन के कई आलोचकों का कहना है कि डेटा को सामुदायिक स्तर पर रखने को लेकर विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण ब्लॉकचेन एक बेहतर विकल्प साबित नहीं हो सकता।
जानिए क्या है ब्लॉकचेन ( बिटकॉइन ), कैसे काम करती है और क्या है इसकी तेज़ी का राज ?
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नमस्कार दोस्तों,
खबर तहलका न्यूज़ में आप सभी पाठकों का हार्दिक स्वागत है. दोस्तों इस न्यूज़ में आगे बढ़ने से पहले आप सभी से मेरी गुज़ारिश है की यदि अभी तक आपने इस न्यूज़ को फॉलो/सब्सक्राइब नहीं किया है तो जल्द से जल्द कर दें ताकि आप किसी जरुरी खबर से चूक न जाएं।
दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं, हाल ही में अस्तित्व आये डजीटल करेन्सी ( डजीटल मुद्रा ) ब्लॉकचैन अर्थात बिटकॉइन के बारे में। दोस्तों पिछले एक साल से बिटकॉइन या ब्लॉकचैन काफी सुर्खियों में रहा है। बिटकॉइन की बढ़ती कीमत ने लगभग हर व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों ने हर इन्वेस्टर का ध्यान अपनी और खिंचा है ओर उनके दिलों में काफी उम्मीदें भी पैदा की है। दोस्तों बिटकॉइन या ब्लॉकचैन एक डजीटल मुद्रा प्रणाली है और अभी दुनिया के 70 प्रतिशत लोगों को इसकी प्रारंभिक जानकारी भी नहीं है. बिटकॉइन का कांसेप्ट इतना जटिल है की इसके इन्वेस्टर्स तक को इसकी पूरी जानकारी नहीं पता और वे केवल इसमें लगातार आ रही तेज़ी की वजह से अपने लाभ के प्रति आशान्वित होकर ब्लॉकचैन में इन्वेस्ट कर रहे है.
यदि आप सोचते हैं की आप बिटकॉइन और ब्लॉकचैन के बारे में सबकुछ जानते हैं तो यह आर्टिकल आपके इस सोच पर प्रश्न चिन्ह लगा सकती है। और यदि आप इसके बारे में पूरी तरह से अनजान है तो फिर यह आर्टिकल आप ही के लिए है। तो चलिए मुद्दे पर आते है।
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दोस्तों बिटकॉइन का सम्बन्ध ब्लॉक चैन से है इसलिए बिटकॉइन को जानने से पहले आपको ब्लॉकचैन को अच्छी तरह समझना होगा।
ब्लॉकचैन टेक्निक हमारे आईटी इंडस्ट्री को ठीक वैसे ही बदलने वाला है जैसे की एक दसक पहले ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर ने इस इंडस्ट्री को बदला था। जिस प्रकार ऑपरेटिंग सिस्टम Linux ( लिनक्स ) पिछले एक दशक से मॉडर्न एप्लीकेशन डेवलपमेंट का मूल श्रोत रहा है, ठीक उसी प्रकार ब्लॉकचैन भी आने वाले समय में इनफार्मेशन शेयर करने का एक बेहतरीन जरिया बनने वाला है। जो भी लोअर कॉस्ट होगा, ओपन और प्राइवेट नेटवर्क के बीच इस पर बड़ी आसानी से इम्प्लीमेंट किया जा सकता है। ब्लॉकचैन में आई तेज़ी के साथ ही इसे लेकर लोगों के बीच काफी भ्रांतियां भी उत्पन्न हुई थी। क्यों की लोगों को लगने लगा की यह हमारे भविष्य की टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बदल सकती है। हलाकि यह बात काफी हद तक सही भी है पर इन आसान शब्दों में कहने से हर किसी को पूरी बात समझ में नहीं आएगी। हमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के हर पहलु को पूरी तरह से समझना होगा। जब कहीं जाकर हम यह जान पाएंगे की यह मौजूदा टेक्नोलॉजी से किस तरह और कितना बेहतर है।
फिरहाल अभी इस टेक्नोलॉजी की हर किसी को पूरी जानकारी न होने की वजह से इसे अपनाने की गति काफी धीमी है पर जानकारों के अनुसार यह गति धीरे धीरे तेज़ होती जाआइये जानते हैं की क्या है ब्लॉकचैन.
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ब्लॉकचैन एक digital ledger है। अब आपके मन में यह सवाल उठा होगा की आखिर ledger क्या है? ledger एक ऐसा बुक है जो की ऐसे एकाउंट्स का संग्रह रखता है जहां डेबिट्स और क्रेडिट्स ट्रांज़ैक्शन पोस्ट होते हैं। इसे हम ऐसा भी कह सकते हैं कि ओरिजिनल बुक की एंट्री इस बुक में अपडेट होती रहती है।
हम यह भी कह सकते हैं की ब्लॉकचैन, डिजिटलाइजड डेन्ट्रलाइज़्ड पब्लिक लेजर होती है।
आइए हम आसान शब्दों में समझते हैं की ब्लॉकचैन कैसे काम करती है।
यह मान कर चलते हैं की हमारे कंप्यूटर में एक ट्रांसक्शन फाइल ( A “नोड” ) है जो की हमारे कंप्यूटर ( A ‘ledger” ) में है। अब दो सरकारी अकाउंटेंट, हम जिन्हे मिंटेर्स कहते हैं के पास भी यही सामान फाइल उनके सिस्टम में भी है। अब हम इस फाइल को डिस्ट्रिब्यूटेड फाइल कहेंगे। जैसे ही आप कोई एक ट्रांसक्शन करते हैं तो आपका कंप्यूटर उन दोनों सरकारी अकाउंटेंट को एक ईमेल भेजकर आपके ट्रांसक्शन की सुचना देता है।
हर एक अकाउंटेंट स्वतंत्र रूप से सबसे पहले यह चेक करना चाहता है की आप इस ट्रांसक्शन को पूरा सक्षम हैं या यही और इस ट्रांसक्शन के बदले उन्हें उनकी सैलरी अर्थात बिटकॉइन मिल सकती है या नहीं। अब इन दोनों अकाउंटेंट में से जो भी सबसे पहले इसे चेक करता है और इस ट्रांसक्शन को वैलिडेट करके रिप्लाई आल पर प्रेस करता है वहीँ इसके साथ वह अपने लॉजिक को भी अटैच कर देता है उस ट्रांसक्शन को वेरीफाई करने के लिए इस प्रक्रिया को प्रूफ ऑफ़ वर्क कहा जाता है। यदि इसी बीच दूसरा अकाउंटेंट भी सहमत हो जाता है तब सभी अपने फाइल्स ऑफ़ ट्रांसक्शन को अपडेट कर लेते हैं। इस पूरी प्रक्रिया या कांसेप्ट को ही ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कहा जाता है।
ब्लॉकचैन, लेनदेन का एक ऐसा ईमानदार डिजिटल संयोजक है जिसे की प्रोग्राम किया जा सकता है सभी लेन-देन को उनके वास्तविक स्वरुप में संयोजित करने के लिए। ब्लॉकचैन में संयोजित की गई सूचि को ही ब्लॉक कहा जाता है। इसलिए ब्लॉकचैन लगातार बढ़ती सूचनाओं की सूचि है जो की लिंक्ड और सुरक्षित होते हैं.
कौन हैं ब्लॉकचैन कांसेप्ट के जनक.
सतोष नकामोटो ने साल 2008 में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को विकशित किया
करें यह काम, मिलेगा ढेर सारा पैसा
अगर पैसे नहीं है तब भी कर सकते हैं यह बिज़नेस, होगी लाखों की कमाई।