Tag Archives: narendra modi

पुलवामा आतंकी हमले में 44 CRPF जवान शहीद, पीएम ने कहा पाकिस्तान को जल्द मिलेगा जवाब।

ठान लिया यह हिंदुस्तान, ख़त्म होगा अब पाकिस्तान। 

जय हिन्द भारतवासियों,

दोस्तों, आज मैं बहोत आहत हूँ, क्योंकि देश का दुश्मन मेरी भारत माँ की आँचल को एक बार फिर लहूलुहान करने में कामयाब हो गया। पाकिस्तान का पालतू और नामर्द आतंकी षड्यंत्र रच कर एक बार फिर भारत माँ के सपूतों का खून बहाने में कामयाब हो गए। अपनी गिरी हुई हरकत से पाकिस्तान ने यह साबित कर दिया है की उनकी जननियों ने मर्द पैदा करना बंद कर दिया है। यही वजह है की पाकिस्तान में केवल हिज़ड़े ही पैदा हो रहे हैं जिन्होंने आमने सामने की लड़ाई करना कभी सीखा ही नहीं क्योंकि ऐसा करने का हुनर उनके खून में ही नहीं है। यह उनकी नामर्दानगी ही है की वे युद्ध करने से भागते हैं और छुपकर हमारे सैनिकों पर हमला करते हैं।

ब्रेकिंग न्यूज़ : अभी अभी पुलवामा में हुआ बड़ा आतंकी हमला, 42 जवान हुए शहीद।

पुलवामा आतंकी हमले ने एक बार फिर पुरे देश को गम में डुबो दिया है। इस हमले से देश दुखी तो है पर दुःख से कहीं ज्यादा देश की जनता के भीतर आक्रोश झलक रहा है। आज देश का हर शख्स चाहे वह किसी भी मजहब या राजनैतिक पार्टी का पक्षधर हो वह अपने सारे मुद्दे भुलाकर एकजुट होकर एकस्वर में देश की सरकार से आतंकवाद के खात्मे की मांग कर रहा है। देश की जनता के दिल में भय भी है और आक्रोष भी। भय इसलिए है कि जिस देश की सीमा और देशवासियों की सुरक्षा करने वाले सुरक्षा कर्मियों को इस तरह दिनदहाड़े खुलेआम भारी विष्फोटक से उड़ा दिया जाता है, उस देश का आम नागरिक खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करे। और आक्रोष इसलिए की हमारे लाख बार दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बावजूद जब पाकिस्तान अपनी मक्कारी से बाज़ नहीं आ रहा और गले मिलकर पीठ पर खंज़र मार रहा है तो फिर हमारी सरकार ऐसे देश से और कब तक और क्यों उम्मीदें लगाकर रखी है।

बैंक में निकली वैकेंसी, अगर भविष्य संवारना है तो 18 फरवरी तक करें आवेदन।

देश के जिन 44 जवानों ने देश की रक्षा के लिए शहीद होने का सपना देखा रहा होगा उनका इस तरह बिना किसी युद्ध के शहादत एक सैनिक के जीवन का अपमान है। अगर देश के जवानों की शहादत शरहद पर लड़ कर हो तो यह उसके लिए सम्मान की बात होती है पर इस तरह पाकिस्तान ने कायरता दिखते हुए छुपकर हमारे सिपाहियों की हत्या की है जिसे हिंदुस्तान कभी माफ़ नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि ‘पाकिस्तान ने अपनी सबसे बड़ी गलती कर दी है। हमने देश की सेना को जवाबी कार्यवाही की पूरी छूट दे दी है। हमले की रूप रेखा, जगह और समय देश की सेना तय करेगी।’ इस आतंकी हमले ने पुरे भारत देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कर दिया है। सभी विरोधी पार्टियों ने भी केंद्र सरकार का साथ देने की बात करते हुए कहा है की वे जल्द ही पाकिस्तान को इस हमले का जवाब दें।

थम नहीं रहा मासूमों के साथ दुराचार का अपराध, आखिर कौन है ज़िम्मेदार?

दोस्तों, यदि आपका भी खून खौलता है और आप भी चाहते हैं की आतंकवाद को इस बार मुहतोड़ जवाब मिले तो मुझे कमेंट बॉक्स में जय हिन्द ज़रूर लिखें। जय हिन्द।

मोदी को मिली बड़ी कामयाबी, देश की संपत्ति विदेश में फूंक कर विजय माल्या लौटेगा भारत।

Image result for vijay mallya ka pratyarpanनमस्कार दोस्तों,

 दोस्तों देश का  9000 करोड़ रूपया लेकर फरार होने वाला विजय माल्या के लिए अब लूट के पैसों से  रहीसों वाली जिंदगी जी पाना मुश्किल होने जा रहा है। बैंकों से करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर रफूचक्कर होने वाले विजय माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ़ हो चूका है। यूके की सरकार ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की मांग स्वीकार कर ली है और माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। प्रत्यर्पण से पहले विजय माल्या को अपना बचाव पक्ष तैयार करने एवं अपील करने के लिए 14 दिनों की मोहलत दी गई है।
आपको बता दें की भारतीय बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप में विजय माल्या के खिलाफ जांच चल रही थी। जांच के बीच में से ही वे मार्च 2016 में लन्दन भाग गए थे। विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों ने काफी मेहनत और इंतज़ार किया। विजय माल्या के मामले में भारत को उस वक़्त बड़ी सफलता मिली जब दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत वापिस भेजने का फैसला सुनाया। इस फैसले के साथ ही प्रत्यर्पण से सम्बंधित आदेश की फाइल होम सेक्रेटरी को सौंप दी गई थी। अब होम सेक्रेटरी ऑफिस ने भी विजय माल्या के प्रत्यर्पण सम्बंधित फाइल पर दस्तखत कर दिए हैं।
विजय माल्या पर बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। विजय माल्या पर आरोप है की उन्होंने बैंकों के पास लोन सम्बंधित गलत दस्तावेज़ प्रस्तुत कर 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। भारत की जांच एजेंसीयां सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही है। आपको बता दें की विजय माल्या एक शराब कारोबारी थे और एयरलाइन्स के बिज़नेस पर भी उन्होंने कदम रखा था। माल्या के देश छोड़ने के बाद से अब तक माल्या की कई नामी और बेनामी संपत्ति जब्त की जा चुकी है जिसकी कुल अनुमानित लागत 13000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
विजय माल्या ने अपने एक ट्वीट में कहा की हर सुबह जब मई न्यूज़ पढता हूँ तो यह जानकारी मिलती है की लोन वसूली अधिकारी ने मेरी एक और संपत्ति जब्त कर ली है। अब तक जब्त की गई संपत्ति की अनुमानित कीमत 13000 करोड़ है जबकि बैंकों मेरी देनदारी केवल 9000 करोड़ रुपये है जोकि अभी समीक्षा का विषय है।
दोस्तों, मैंने आपको इतनी अच्छी खबर दी है तो प्लीज मुझे फॉलो करना न भूलें. धन्यवाद्।

देखिये चुनावी बजट के बाद कैसे अपनी ही पीठ थपथपा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बीजेपी.

Image result for 2019 interim budget

नमस्कार दोस्तों,

दोस्तों, जैसा की हम सब जानते हैं की मोदी सरकार ने 2019 – 20 के लिए अपने शासन काल का अंतरिम बजट पेश कर दिया है। इस बजट के केवल ऊपरी जानकारी से ही आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं की यह बजट पूरी तरह से एक चुनावी घोषणापत्र की तरह पेश किया गया है। यह बजट बीजेपी सरकार की ओर से अगली लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर बनाई गई है जिसका की वास्तविकता से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। अगर मैं इसे बजट न कहकर बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र कहूं तो कोई गलत नहीं होगा।
दोस्तों अब लोकसभा चुनाव में बहोत ही कम वक़्त शेष रह गया है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी जीत के लिए हर मुंकिन दांव खेल रही है। मोदी सरकार ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती जिससे की उन्हें लोक सभा चुनाव में किसी तरह का नुकसान उठाना पड़े। इस बजट में हर वर्ग के वोटर को पूरी तरह से ध्यान में रखा गया है और उन्हें लुभाने की कोशिश की गई है।
Image result for 2019 interim budget
2018 के आखिर में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों को खोने के बाद बीजेपी को आखिर यह बात समझ में आ ही गई की किसान और मजदूर वर्ग उनसे किस हद तक नाराज़ हैं, यही वजह है की बीजेपी इस प्रकार की किसी भी गलती को दुहराना नहीं चाहती।
बीजेपी की सरकार की और से पेश की गई अंतरिम बजट को एक ऐसे खुसबूदार और स्वादिष्ट लॉलीपॉप की तरह पेश किया गया है जो पहली नज़र में हर किसी को खुश करने की काबलियत रखता है। इस बजट में किसान, मजदूर, श्रमिक, दैनिक वेतनभोगी, प्राइवेट एवं सरकारी कर्मचारी, निम्न  माध्यम वर्ग सभी को ध्यान में रखा गया है और सभी के हित के लिए योजनाएं पेश की गई है।
आइये जानते है सरकार द्वारा पेश की गई अंतरिम बजट में क्या है खास…. …. …
1 . सरकार ने अपने अंतरिम बजट में किसानों के लिए सम्मान राशि के रूप में सालाना 6000 रुपये देने की घोषणा की है। इस योजना के लागू होने के बाद जिन किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमींन है उन्हें सालाना 6000 रुपये अर्थात मासिक 500 रुपये मिलेंगे। इस योजना से सरकार ने पांच एकड़ की भूमि धारी किसान की औकात 17 रुपये दैनिक के रूप में घोषित कर दिया है। सरकार ने इस योजना को किसान सम्मान निधि का नाम दिया है, अब यह देश के किसानों पर निर्भर करता है की वे इसे अपना सम्मान समझते हैं या फिर अपमान।
2 . सरकार ने इस बजट में मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. इनकम टैक्स राहत के लिए अधिकतम आमदनी की सिमा 2.5 लाख से बढ़ा कर 5 लाख कर दी गई है। हालांकि इस देश की 70  प्रतिशत से अधिक आबादी सालाना 3 लाख रुपये से कम की आमदनी करने वालों की है जिनके लिए टैक्स फ्री इनकम की इस नए दायरे का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ने वाला।
3 . मज़दूरों के लिए हुआ सालाना बोनस का ऐलान। सनगठित छेत्र में काम करने वाले ऐसे मज़दूर जिनकी मासिक आय 21 हजार रुपये से कम है उन्हें केंद्र सरकार की ओर से सालाना 7000 रुपये बोनस के तौर पर दिए जाने की घोषणा की गई है। वहीँ 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों एवं मज़दूरों को प्रतिमाह 3000 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा और भी कई सौगात देश की जनता को मोदी सरकार की और से इस अंतरिम बजट के द्वारा मिलने वाले हैं। पर ऊपर जिन तीन मुख्य योजनाओं का ज़िक्र मैंने किया इसका सीधा असर सरकारी मुद्रा कोष को पड़ने वाला है। अब देखना यह है की सरकार अपने इन वादों को किस प्रकार पूरा करती है। पर हर हाल में नुक्सान जनता का ही होने वाला है क्योंकि जिस सरकारी धन को इन योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार पानी की तरह बहाने जा रही है वह धन भी देश की जनता का अर्थात हमारा है।
इससे बेहतर होता की सरकार किसानों के फसल का समर्थन मूल्य बढाती और बाजार के बिचौलियों को ख़त्म कर किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत करती। मज़दूरों के लिए न्यूनतम सैलरी निश्चित करती और सरकारी नौकरियों के लिए नयी रिक्तियां लाती। पर हमारी सरकार देश की जनता को केवल निकम्मा और आश्रित बनाती जा रही है। वे शायद देश की जनता को एक लाचार और मज़बूर की तरह अपने आगे हाथ फैलाये ही देखना चाहते हैं।
Image result for 2019 interim budget vs rahul gandhi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अंतरिम बजट की घोषणा के बाद कहा की हमने ‘सबका साथ सबका विकाश’ के अपने अजेंडे पर काम किया है और सभी वर्ग का विशेष ध्यान रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट के बाद अपने एक बयांन में कहा की हमारे इस बजट को सुनकर विपक्ष का मुँह लटक गया है। उनकी इस बात से ऐसा लगा जैसे की वे अपने हाथ से अपनी ही पीठ थपथपा रहे हों।
दोस्तों आप मेरी बात से कितना सहमत या असहमत हैं मुझे कमेंट करके जरूर बताएं और यदि आपने अभी तक  मुझे फॉलो नहीं किया है तो जाने से पहले मुझे फॉलो ज़रूर कर दें , धन्यवाद्।

आपके मोबाइल और लैपटॉप का रिमोट अब मोदी के हाथों में। निजी ज़िन्दगी भूल जाओ।

नमस्कार दोस्तों,

दोस्तों जबसे मोदी जी देश के  प्रधानमंत्री बने हैं तभी से वो एक के बाद एक ऐसे फैसले कर रहे हैं जो देश की जनता के दिलों को भय से भर दिया है। जबसे उन्होंने 8 नवंबर 2016 की शाम 8 बजे मीडिया में आकर नोटेबंदी का फैसला सुनाया था तभी से देश की मासूम जनता उनसे काफी डरी हुई है। देश अभी भुला नहीं है की कैसे  गरीबों की मेहनत की कमाई जिसे वह अपने बुरे वक़्त के लिए अपने परिवार से छुपा कर कहीं रखा था मोदी जी ने उसे एक झटके में अवैध घोषित कर दिया और उसे परिवार के सामने उजागर कर परिवार में उसकी विश्वस्ता  पर सवाल खड़ा कर दिया था।

बॉक्स ऑफिस पर फिल्म “zero” को दर्शकों ने दिया जीरो “0” मार्क्स।

आठ नवंबर की रात से देश की जनता का वह वर्ग जिसके पास टीवी या रेडियो पर न्यूज़ सुनने की फुर्सत नहीं रहती थी वह भी अपने काम से समय चुरा कर न्यूज़ देखने लगा की पता नहीं अब मोदी जी किस नए फैसले से उनके पेट पर लात मारेंगे। भले ही अपने जीवन में उन्होंने मनोरंजन के लिए  कभी समय न निकाला हो पर मोदी जी के नोट बंदी के फैसले ने उन्हें न्यूज़ देखना जरूर सीखा दिया।

दोस्तों मोदी जी हमेसा से ही अपने दौरों और फैसलों से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। उन्होंने के बार फिर एक नए फैसले से जनता का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाबी हासिल की है। इस बार भी उन्होंने अपने फैसले से आम जनता सबसे बड़ी निजी संपत्ति पर प्रहार करते हुए उसे सार्वजनिक संपत्ति बना दिया है। आइये जानते हैं की मोदी जी ने इस बार ऐसा क्या किया है की  पूरा देश दहशत में है।

दोस्तों, इंसान की प्राइवेसी अर्थात निजी जिंदगी उसकी सबसे बड़ी संपत्ति है और देश के संविधान द्वारा आम इंसान को मिला सबसे बड़ा मौलिक अधिकार भी। पर इस बार मोदी जी ने आपके इसी मौलिक अधिकार पर प्रहार करते हुए आपकी प्राइवेसी पर झांकने का अधिकार 10 सरकारी संस्थाओं को सौप दिया है।

महिला ने गूगल पर किया एक सर्च और खाते से उड़ गए एक लाख रुपये।

अब आपका मोबाइल और कंप्यूटर पर आपसे ज्यादा इन दस सरकारी संस्थाओं और मोदी जी की नज़र रहने वाली है। आप कब क्या कर रहे हैं, किससे  बात कर रहे हैं लैपटॉप और मोबाइल पर आपके द्वारा की गई हर मूवमेंट की खबर मोदी जी और उनके ये दस सरकारी विभागों को हमेसा रहने वाली है। ये सरकारी विभाग जब चाहें आपकी निजी डाटा देख सकते हैं और उसे हैक कर अपने सिस्टम में भी ले सकते हैं। ताज्जुब की बात यह है की उन्हें ऐसा करने का सरकारी अधिकार मिल चूका है। यदि आप अपनी निजता पर दखलंदाजी का विरोध करते हुए डाटा एक्सेस की अनुमति देने से मना करते हैं तो आपको 7 साल की कैद हो सकती है।

 

आईपीएल में धूम मचाने आ रहा है यह रिकॉर्डधारी युवा खिलाड़ी.

 

अब आप चाहकर भी अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते क्योंकि मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद हमारी सरकार है जिसे हमें चुनकर सत्ता में बिठाया है। अगर मैं यह कहूं की जो हमसे चौकीदार बनाने की गुहार लगाकर सत्ता में आया था वही अब हमारा सर्वस्व स्वामी बन चूका है तो यह गलत नहीं होगा। तो दोस्तों देखते हैं की अपने इस कदम के बाद मोदी जी और किस प्रकार हमारी साँसों की चौकीदारी करते हैं और कौनसा अगला कदम उठाते हैं।

 

राफेल डील पर मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से बोला झूठ, पकड़े जाने पर कहा सुप्रीम कोर्ट की समझ में गलती।

जरा इस बात का अंदाज़ा लगते हुए सोचिये की इस बात की क्या ग्यारंटी है की डाटा एक्सेस करने के  लिए अधिकृत की गई इन दस संस्थानों में को एक भी सदस्य बेईमान नहीं होगा और आपकी निजी डाटा का दुरूपयोग कर या उसमे छेड़छाड़ कर आपको ब्लैकमेल नहीं करेगा या आपको फसायेगा नहीं। मेरे सभी पाठकों से मेरा यह निवेदन है की मेरी इस बात पर गहराई से सोंचे और कमेंट करके मुझे अपना जवाब जरूर बताएं।

यदि आपने अभी तक इस न्यूज़ फॉलो / सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी कर दें ताकि आपको इस तरह के फतवों की जानकारी मिलती रहे। इस न्यूज़ के बारे में अपनी राय कमेंट करना न भूलें धन्यवाद्।

कमरे में साथी एंकर, खाली शराब की बोतलें और न्यूज़ एंकर की संदिग्ध मौत। जानिये पूरी खबर।

राफेल डील पर मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से बोला झूठ, पकड़े जाने पर कहा सुप्रीम कोर्ट की समझ में गलती।



नमस्कार दोस्तों,
दोस्तों, जैसा की आप सब जानते है कि राफेल डील मामले में मोदी सरकार को विपक्षी दल ने घेर रखा है और इस मुद्दे की वजह से भारतीय जनता पार्टी जनता के बीच अपना भरोसा भी खोटी जा रही है। इस मुद्दे पर देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनते हुए भारतीय जनता पार्टी को क्लीन चीट देदी और इसी के साथ सभी भाजपा समर्थक कांग्रेस पर टूट पड़े। पर बीजेपी की यह खुसी ज्यासा समय तक नहीं ठीक पाई क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जिस सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुवे केंद्र सरकार को क्लीन चीट  दी थी असल में मोदी सरकार ने वह झूठी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। पीएसी के अध्यक्ष ने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया और कहा की उनकी जानकारी में राफेल डील से सम्बंधित कोई रिपोर्ट बना ही नहीं। 

कमरे में साथी एंकर, खाली शराब की बोतलें और न्यूज़ एंकर की संदिग्ध मौत। जानिये पूरी खबर।


अब इस मामले में झूठ पकडे जाने पर  मोदी सरकार ने बचाव में अपनी सफाई पेश करते हुए कहा है कि हमने कोर्ट को कोई झूठा रिपोर्ट नहीं दिया बल्कि हमारी दलील को कोर्ट ने ही गलत समझा.
मोदी सरकार ने शनिवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर शीर्ष न्यायालय के आये फैसले के एक पैराग्राफ में संसोधन की मांग की है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (पीएसी ) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (सीएजी ) के रिपोर्ट का जिक्र किया गया है. मोदी सरकार ने कहा है कि कोर्ट द्वारा जांच रिपोर्ट की अलग अलग व्याख्या किये जाने की वजह से विवाद उत्पन्न हो गया है। 

छत्तीसगढ़ : कौन बनेगा मुख्यमंत्री।


केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ  क्रमांक 25 के दो वाक्यों पर कहा है कि यह शायद  उस नोट पर आधारित है जिसे केंद्र ने मुहरबंद लिफाफे में मूल्य विवरण के साथ जमा किया था लेकिन अदालत द्वारा इस्तेमाल किये गए शब्द से विपक्ष द्वारा इसका अलग मतलब निकाला जा रहा है.
केंद्र ने इस वाक्य का मतलब साफ करते हुए कहा कि वह यह नहीं कह रहा कि पीएसी रिपोर्ट का सीएजी  ने जांच किया था या संपादित हिस्से को संसद के समक्ष विमर्श के लिए रखा गया .  केंद्र ने इस नोट पर हुई गलत फहमी को स्पष्ट करते हुए कहा किया कि नोट में कहा गया है कि सरकार पीएसी  के साथ मूल्य विवरण को पूर्व में साझा कर चुकी है. यह वाक्य भूतकाल में लिखा गया है और यह तथ्यों के साथ पूर्ण रूप से सही है। 

राहुल की राफेल का टूट गया कनेक्शन, हो रही क्रैश लैंडिंग।


केंद्र द्वारा पेश की गई याचिका में कहा गया है कि उक्त नोट मोटे अक्षरों में लिखा गया है . जिसमे यह कहा गया है कि सरकार मूल्य विवरणों पर पीएसी के साथ विमर्श कर चुकी है. पीएसी की रिपोर्ट का  सीएजी परीक्षण कर रही है .रिपोर्ट का संपादित हिस्सा संसद के संज्ञान में है और यह देश के सामने है. इस याचिका के मुताबिक शब्द ‘हैज बीन (हो चुका है)’ भूतकाल के लिए इस्तेमाल हुआ है जिसमे लिखा है कि सरकार कैग के साथ मूल्य विवरण को पहले ही साझा कर चुकी है. यह भूतकाल में है और सही है। इस वाक्य के दूसरे हिस्से में सीएजी  के संबंध में कहा गया है कि कैग की रिपोर्ट का पीएसी परीक्षण कर रही है . फैसले में ‘इज’ की जगह ‘हैज बीन’ का इस्तेमाल हुआ है.
केंद्र ने शीर्ष अदालत के आदेश में आवश्यक संशोधन की मांग करते हुए कहा कि इसी तरह फैसले में यह कथन है कि रिपोर्ट का संपादित हिस्सा संसद के सामने रखा गया. इस बारे में कहा गया कि रिपोर्ट का संपादित हिस्सा संसद के सामने रखा गया और यह सार्वजनिक है.

सरकार ने की कपल्स से अपील, देर मत करो बच्चे पैदा करो।


याचिका के मुताबिक, नोट में केंद्र ने यह कहा गया है कि पीएसी रिपोर्ट का सीएजी परीक्षण कर रही है. यह प्रक्रिया की व्याख्या है जो आम तौर पर उपयोग में लायी जाती है।  पर फैसले में अंग्रेजी में ‘‘इज’’ यानि ‘‘है’’ की जगह ‘‘हैज बीन’’ अर्थात ‘‘कर चुकी है’’ का इस्तेमाल किया गया है। 


केंद्र सरकार ने ऐसे वक्त पर यह याचिका दायर की है जब विपक्षी कांग्रेस और अन्य ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं और सरकार पर सीएजी रिपोर्ट को लेकर शीर्ष न्यायालय को गुमराह किये जाने का आरोप लगाया गया है।
मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र के हक़ में फैसला सुनाते हुए कहा राफेल लड़ाकू विमान के सौदे की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और इस लेन देन किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं पायी गई जिसपर सवाल उठाये जा सकें। न्यायलय इस सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया से ‘‘संतुष्ट’’ है. शीर्ष अदालत ने विपक्ष द्वारा किये गए जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा की यह देश की सुरक्षा का मामला है और इस मामले पर और विवाद की कोई गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस फैसले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। 

जानिए बॉलीवुड की पांच सबसे खूबसूरत पर नाकाम एक्ट्रेसेस के बारे में। नं 1 है सबसे खूबसूरत


सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उसे फ्रांस से 36 विमान खरीदने के ‘‘संवेदनशील मुद्दे’’ में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं लगता. बता दें कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने राफेल सौदे के मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर  आरोप लगाते हुए कहा है की केंद्र ने अपने झूठ बोलने की प्रवित्ति से सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं बख्सा है। विपक्षी दलों का केंद्र पर आरोप है की केंद्र ने अपनी झूठ नीति से सुप्रीम कोर्ट और संसद को गुमराह किया है।  आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर अटॉर्नी जनरल को संसद में बुलाए जाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल मामले में सरकार ने संसद और सुप्रीम कोर्ट दोनों को भी गुमराह किया किया है। 

ईशा अम्बानी की शादी की इन यादगार लम्हों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।


खड़गे ने कहा- सरकार ने कोर्ट में सही तथ्य पेश नहीं किए


सर्वोच्च न्यायालय की ओर से राफेल मामले में फैसला सुनाये जाने के एक दिन बाद, लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे ने शनिवार को कहा कि वह महा न्यायवादी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) को इस मामले की जांच के लिए दबाव बनाएंगे और उनसे पूछेंगे कि कब सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई और कब पीएसी ने उसकी जांच की।  कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा बुलाये गए मीडिया कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने यहां मीडिया से कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष झूठे दस्तावेज पेश कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने वहां दिखाया कि पीएसी रिपोर्ट पेश की गई है और सीएजी ने उसकी जांच की है.’ खड़गे ने कहा, ‘सरकार ने अदालत में यह झूठ बोला कि सीएजी रिपोर्ट को सदन और पीएसी में पेश किया गया है. उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि पीएसी ने इसकी जांच की है. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक है. अब केंद्र को बताना होगा की यह कहां है? क्या आपने इसे देखा है? मैं पीएसी के अन्य सदस्यों के समक्ष इस मामले को ले जाने वाला हूं.’

नेता प्रतिपक्ष के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बृजमोहन अग्रवाल को किया आगे।


कोर्ट ने खारिज कर दी थी जांच संबंधी याचिका
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राफेल सौदे की अदालत की निगरानी में जांच कराने के लिए विपक्ष द्वारा की गई याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने कहा था कि विमान की कीमत सीएजी के साथ साझा की गई और सीएजी की रिपोर्ट की जांच पीएसी ने की. अब इस रिपोर्ट का केवल संपादित भाग ही संसद के समक्ष पेश किया गया है और यह सार्वजनिक है.’
कोर्ट को गुमराह करने के लिए सरकार मांगे माफी

जानिए बॉलीवुड की पांच सबसे खूबसूरत पर नाकाम एक्ट्रेसेस के बारे में। नं 1 है सबसे खूबसूरत


सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सरकार को इसके लिए सर्वोच्च न्यायलय और देश की जनता से माफी मांगने को कहा है।  उन्होंने कहा, ‘ रिपोर्ट को कभी भी संसद में पेश नहीं किया गया है. केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय में गलत सूचना पेश की है।  सर्वोच्च न्यायालय में सीएजी रिपोर्ट पर गलत तथ्य पेश कर अदालत को गुमराह करने के लिए नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए.’
खड़गे ने यह भी कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय का आदर करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कोई जांच एजेंसी नहीं है और केवल संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) राफेल मामले में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर सकती है.

सरकार बनने से पहले ही कांग्रेस ने शुरू कि किसानों की कर्ज माफी की तैयारी.


क्या बोले संजय सिंह?
संजय सिंह ने कहा कि जब सीएजी की कोई जांच रिपोर्ट आई ही नहीं तो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कैसे कहा कि ऐसी कोई जांच रिपोर्ट है. सरकार के अटॉर्नी जनरल ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सील बंद लिफाफे में जो कुछ भी दिया गया वह उन्होंने नहीं पढ़ा है तो अब उन्होंने करेक्शन का हलफनामा कैसे दिया? उन्हें वह सीलबंद रिपोर्ट कहां से मिली?
आप सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में जिक्र है कि एयरफोर्स प्रमुख ने कीमतों के खुलासे पर आपत्ति की थी. एयरफोर्स चीफ ने यह बयान कब दिया या ऐसा कोई एफिडेविट कब दिया था? नए एफिडेविट में भी सरकार कह रही है कि सीएजी को कीमतों के बारे में जानकारी दे दी गई है लेकिन सीएजी की रिपोर्ट तो जनवरी के बाद आएगी.

विधान सभा चुनाव विश्लेषण : कांग्रेस को जिताने में बीजेपी की मेहनत.


उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हलफनामे के मुताबिक यह माना कि सीएजी और पीएसी कीमतों को लेकर पहले ही जांच कर रही है. शायद इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने राफेल घोटाले में जांच के आदेश नहीं दिए. अगर कोर्ट को यह पता होता कि ऐसी कोई जांच नहीं हुई है तो शायद इस मामले में जांच के आदेश दिए जाते.
सिब्बल बोले – केंद्र ने बोला झूठ

अभिनेता रजनीकांत के जन्म दिन पर जानिये उनके बस कंडक्टर से सुपरस्टार बनने तक का सफर।


राफेल पर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस  कर कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने राफेल के मामले में जो    जो जानकारी दी है उसके सही होने पर संदेह उत्पन्न हो रहा है। इसलिए इस स्थिति को साफ़ करने के लिए यह जरुरी हो जाता है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) में अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाना चाहिए, जिससे यह साफ हो सके कि कोर्ट में गलत दस्तावेज क्यों जमा कराए गए, जिसका की कभी कोई जिक्र भी नहीं किया गया। यह बेहद संवेदनशील मामला है, जिस पर संसद  में चर्चा किया जाना बेहद जरुरी है। 


कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि कांग्रेस इस मामले में हमेशा स्पष्ट रही है कि इस मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट सही जगह नहीं है, यहां पर हर तरह की फाइल का खुलासा नहीं किया जा सकता. यह सर्वोच्च न्यायलय के अधिकारछेत्र में भी नहीं आता। . उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले में प्रेस रिपोर्ट और सरकार के हलफनामे का जिक्र किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट के न्यायाधिकार के कारण वो  इस मामले का फैसला नहीं कर सकते। 

राहुल की राफेल का टूट गया कनेक्शन, हो रही क्रैश लैंडिंग।

नमस्कार दोस्तों,

दोस्तों, भारतीय वायु सेना को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार ने जो राफेल डील की  उसी राफेल डील को कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। भारतीय वायु सेना की मज़बूती के लिए किया गए इस समझौते ने सेना से पहले कांग्रेस को मज़बूती दे दी। इस राफेल डील को सबसे बड़ा भ्रस्टाचार बताकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। इस एक मुद्दे ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार नीव हिला दी और देश की जनता के दिलों में मोदी की नीतियों एवं कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। यह एक मुद्दा भारतीय जनता पार्टी की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई और भाजपा को देश की जनता ने इस विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखाया।

सरकार ने की कपल्स से अपील, देर मत करो बच्चे पैदा करो।

पर अब जब विधान सभा चुनाव संपन्न हो चूका है और कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में कामयाब हो चुकी है ऐसे में देश के सर्वोच्च न्यायलय ने इस मामले में अपना फैसला सुनाकर देश की जनता को आश्चर्य में डाल  दिया है। जी हाँ दोस्तों सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मोदी सरकार को पाक साफ़ बताते हुए कांग्रेस द्वारा केंद्र पर राफेल डील में भ्रष्टाचार किये जाने के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की राफेल डील एक अति संवेदनशील मामला है और इसकी कीमतों एवं तकनिकी जानकारी को सार्वजनिक करके देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। कांग्रेस इस मामले में सरकार को घेर कर उसकी छबि ख़राब करने की कोशिश कर  रही है जबकि कांग्रेस द्वारा लगाए गए इन आरोपों में तनिक भी सच्चाई नहीं है।

जानिए बॉलीवुड की पांच सबसे खूबसूरत पर नाकाम एक्ट्रेसेस के बारे में। नं 1 है सबसे खूबसूरत

इधर राफेल डील पर कांग्रेस को झटका लगने के बाद देश भर में राहुल गाँधी एवं कांग्रेस पार्टी की  आलोचना की जा रही है। राफेल मालमे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी राहुल ने अपने आरोपों को सही बताते हुए कहा है की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन बिंदिओं पर छानबीन नहीं की जिनपर आपत्ति जताई गई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता के साथ इन आरोपों से जुड़े कई तथ्यों एवं लूप होल्स पर बात की। राहुल के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएसी ( लोक लेखा समिति) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। खड़गे ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा की उनकी जानकारी में राफेल डील से जुड़े किसी भी प्रकार की सीएजी रिपोर्ट नहीं बनी। सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील से जुड़ा सीएजी रिपोर्ट संसद में पेश होने की जानकारी न होने की बात कहते हुए पीएसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ” मै लोक लेखा समिति के सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूँ की अटार्नी जर्नल और सीएजी को यह बात पूछने के लिए तलब करें कि राफेल डील पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में कब पेश की गई। ”

ईशा अम्बानी की शादी की इन यादगार लम्हों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि सरकार को राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट के बारे में गलत तथ्य पेश कर उच्चतम न्यायलय को गुमराह करने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। हम उच्चतम न्यायलय का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जांच एजेंसी नहीं है। सिर्फ जेपीसी ही राफेल डील मामले की जांच कर सकती है।

विधान सभा चुनाव विश्लेषण : कांग्रेस को जिताने में बीजेपी की मेहनत.

Third party image reference

 

नमश्कार दोस्तों,

दोस्तों, साल 2018 ने जाते-जाते भाजपा के अभिमानी उड़न खटोले से सारा ईंधन चूस लिया है। साल के आखिर में हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के परिणाम 11 दिसंबर को घोषित किये गए। परिणाम सामने आते ही बीजेपी प्रत्याशियों एवं पार्टी हाई कमान के चेहरे का रंग पूरी तरह से उड़े हुए नज़र आये। चौतरफा मिली हार से चेहरे पे ऐसी मायूसी छाई जीसे प्रत्याशियों के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री तक नहीं छुपा पाए।

11 दिसंबर 2018 : विधानसभा चुनाव रिजल्ट की ताजा खबर

 

यह वक्त बीजेपी के लिए शोक करने का नहीं बल्कि आत्म मंथन करने का है। जिस पार्टी को देश की जनता ने साल 2014 में पूर्ण बहुमत से जिताया था और कांग्रेस को इतना भी वोट नहीं मिला था की वो विपक्ष के तौर पर भी खड़ा हो सके, उस पार्टी की विधान सभा चुनाव में ऐसी शिकस्त सोचनीय है।

Third party image reference

 

 

दोस्तों अगर बीजेपी के सत्ता में आने से लेकर अबतक के शासन काल पर और कार्यप्रणाली पर गौर किया जाए तो बीजेपी को अपनी हार की मुख्य वजह पता चल जायेगी। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप खुद ही मान जाएंगे की बीजेपी ने अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल कांग्रेस और राहुल को मज़बूत बनाने में लगा दी। साथ ही इस विधान-सभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी मेहनत कांग्रेस को जिताने में लगा दी।

आइये जानते हैं बीजेपी की हार के मुख्य कारण।

10 दिसंबर 2018 : आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर दिया इस्तीफा

1 . चुनाव पूर्व किये वादों को जीत के बाद बताया जुमला। 

इस बात पर कोई शक नहीं की हमारे पीएम को कोई बातों में हरा नहीं सकता। नरेंद्र मोदी जी एक कुशल वक्ता हैं और अपनी मन-मोहनी बातों से वे देश की जनता का विश्वास जितने में पूर्ण रूप से सफल हुए थे। यही वजह है की 2014 के चुनाव में बीजेपी ने मोदी को बीजेपी का केंद्रबिंदु बनाकर अपने तारणहार के रूप में सबसे आगे रखा और बाकि सभी बड़े छोटे तज़ुर्बेकार मोदी जी के पीछे खड़े होकर सुहावने सपने देखने लगे।

मोदी जी ने अपने लुभावने वादों से जनता का दिल जीता और बीजेपी का सत्ता पाने का सुखद स्वप्न पूरा हो गया। पर सत्ता मिलते ही उसकी चमक से बीजेपी की आंखें चौंधिया गई और उसे जनता से किया हर वादा चुनावी जुमला लगने लगा।

एक कुशल वक्ता कामयाबी शायद हासिल कर भी ले पर कामयाबी पर काबिज़ रहने की काबलियत हाशिल करने के लिए एक अच्छा श्रोता होना बहोत ज़रूरी है।

नेहा कक्कड़ और हिमांश कोहली के रिश्ते में आई दरार, क्या हो गए हैं एक-दूसरे से अलग?

मोदी जी के वो वादे जो चुनाव के बाद जुमला बन गए .. … …

कालाधन वापिस लाने की बात को बताया चुनावी जुमला।

हर नागरिक को 15 लाख देने का लालच देकर चुनाव जीता फिर बताया चुनावी जुमला।

हर साल तीन करोड़ रोजगार देने का वादा 

सत्ता में आने के बाद जीएसटी लागु कर दो करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया और जब बेरोजगारों ने रोजगार की मांग की तो मोदी जी ने गैर ज़िम्मेदाराना बयान देते हुए देश के युवाओं को पकोड़े बेचने की सलाह दे डाली।

ईशा अम्बानी की प्री वेडिंग सेरेमनी में लगा सितारों का मेला।

अगर मोदी जी अपने वादों पर खरे उतरते तो कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी पड़ती जनता के दिल से मोदी और बीजेपी का विश्वास घटाने के लिए। पर यह काम बीजेपी और मोदी जी ने खुद ही अपने वादा खिलाफी और गलत बयानों से पूरा कर दिया।

2 . काम के नाम पर केवल योजनाओं का नाम परिवर्तन। 

इंद्रा आवास योजना को बदल कर किया प्रधानमंत्री अटल आवास योजना।

राजिव गांधी ग्रामीण विद्द्युत योजना का नाम बदलकर बदलकर किया दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति परियोजना। नगरों और सड़कों के भी बदले नाम .

ईशा अंबानी की प्री-वेडिंग सेरेमनी में रैंप वॉक करेंगे मेहमान, लंच में परोसी जाएंगी 400 डिश

3. नई योजनाओं के नाम पर देश की जनता का उड़ाया मज़ाक। 

मुद्रा योजना।

यह योजना सिर्फ दस्तावेजों तक ही सिमित रही. नए व्यवसायी और बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार के लिए सहायता के नाम पर बिना ग्यारंटी के 10 लाख तक का लोन देने की बात करने वाली मोदी सरकार ने जरुरत मंदों को ग्यारंटी मांगकर भी 20000 से अधिक की राशि नहीं दी।

डीजिटल इंडिया।

देश की जनता के बिजली और पानी तक की मूलभूल जरूरतों की समस्या को अनदेखा कर पीएम मोदी ने डीजिटल इंडिया का सपना दिखाया जिसमे शहरी युवा अपना भविष्य देखने लगे जबकि मोदी जी यह भूल गए की देश की 70 प्रतिशत आबादी गाओं में रहती है और उन्हें डिजिटल बनने से पहले आत्मनिर्भर होने की जरुरत है। अपना परिवार पलने के लिए रोजगार की जरुरत है।

जिस दोस्त ने सोनिया तक पहुंचाया था राजीव गांधी का ‘लव लेटर’, वह भारत आने पर क्यों पकड़ा गया ?

कैशलेस भारत। 

जिस देश की अधिकतर छेत्र में बात करने तक के लिए नेटवर्क उपलब्ध नहीं है वहां केवल शहरों को ध्यान में रखते हुए मोदी जी ने आम जनता के हाथों छीन लिया और मोबाइल एवं अन्य डिजिटल तकनीक के माध्यम से लेनदेन करने की बात कह कर अशिक्षित और पिछड़े छेत्र के नागरिकों का जीना मुश्किल कर दिया।

शर्दियों की छुट्टियां मानाने के लिए जाएं इन पांच खूबसूरत जगह. होगी स्वर्ग की अनुभूति।

देश को डिजिटल बनाने का वादा कर सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने अपने चार साल देश की जनता को जाती एवं धर्म के नाम पर लड़ाने में निकाल दिया। बीजेपी सरकार की सत्ता में आते ही देश के हिन्दुओं को और हिंदुत्व को न जाने कहाँ से खतरा होने लगा। नोट बंदी के नाम पर 126 लोगों की हत्या करने वाले मोदी जी ने इन मौतों की ज़िम्मेदारी लेना भी जरुरी नहीं समझा।

Third party image reference

 

यही वजह है की मोदी सरकार द्वारा बार बार की गई गलतियों का फायदा कांग्रेस को मिलता रहा और कांग्रेस ने इन मौकों को बखूबी भुनाया। आज यदि राहुल गाँधी एक सफल राजनीतिज्ञ के रूप में उभरे हैं तो इसका सारा श्रेय बीजेपी को जाता है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार ली अपनी हार. राहुल गाँधी को दी जीत की बधाई।

पीएम नरेंद्र मोदी (फोटोः ट्विटर)

नमस्कार दोस्तों,

बचे हुए पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे जिनके आज परिणाम सामने आये है।  जिसमें 4 राज्यों में यह साफ़ हो चूका है की किसकी सरकार बन रही है।  छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने जा रही है जबकि मध्य प्रदेश का परिणाम अभी भी साफ़ नहीं हो पाया है की बहुमत किसे मिलेगी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के बीच कांटे की टक्कर जारी है।  तेलंगाना में टीआरएस को प्रचंड बहुमत मिला है।  वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. इन चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था. ऐसे में विधान सभा चुनाव के परिणामों को मोदी सरकार की बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी हार स्वीकार कर ली है और जीतने वाली पार्टियों को बधाई दी है. वहीं वित्त मंत्री अरूण जेटली का कहना है कि लोकसभा के चुनाव केंद्र सरकार की परफार्मेंस और नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के दम पर लाडे जाएंगे।

नरेंद्र मोदी ने दी कांग्रेस और अन्य विजेता पार्टियों को बधाई। 

कांग्रेस को जीत के लिए बधाई। तेलंगाना में प्रचंड बहुमत के लिए केसीआर को बधाई और मिजोरम में जीत के लिए एमएनएफ को बधाई: नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि ‘हम जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं. मैं सेवा का अवसर देने के लिए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं. बीजेपी ने इन राज्यों में जनता के कल्याण के लिए अथक प्रयास किया.’ : नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

इस दौरान पीएम मोदी ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवारों ने रात-दिन काम किया. मैं इनके कठिन परिश्रम को सैल्यूट करता हूं. जीत और हार जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है. आज के नतीजे लोगों की सेवा करने और भारत के विकास के लिए कठिन परिश्रम करने के हमारे संकल्प को आगे बढ़ाएंगे.’

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 : कांग्रेस को वेलकम बीजेपी को बाय बाय।

Third party image reference

 

 

नमस्कार दोस्तों,

दोस्तों छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव के नतीजों के लिए आज वोटों की गिनती सुबह से जारी है. आज जैसे जैसे ईवीएम मशीन खुलते गए और वोटों की गिनती होने लगी वैसे वैसे कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों और समर्थकों के चेहरे पर खुसी का भाव उभरने लगा. वहीँ दूसरी और भाजपा के चेहरे पर मायुशि छाती दिखाई पड़ने लगी.

 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम 2018

दोस्तों आज सुबह जैसे ही ईवीएम मशीने खुले और वोटों की गिनती शुरू हुई तो सुरुवाती 45 मिनटों में ही छत्तीसगढ़ की जनता ने यह साफ़ कर दिया की उनका रुख किस और है और वो क्या सोचती है। बढ़ते समय के साथ जहां एक और कांग्रेस के सीटों की संख्या बढ़ती गई वहीँ दूसरी और भारतीय जनता पार्टी का सफाया होते दिखाई दिया।

11 दिसंबर 2018 : विधानसभा चुनाव रिजल्ट की ताजा खबर

 

यह बीजेपी के लिए बहोत ही शर्मनाक हार शाबित हो रही है जिसकी कल्पना शायद बीजेपी ने सपने में भी नहीं की रही होगी। दोस्तो पिछले15 सालों से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार होने के बावजूद वे छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास नहीं जीत पाए यह सही मायनों में बड़े ही शर्म की बात है।

 

10 दिसंबर 2018 : आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर दिया इस्तीफा

आइए देखते हैं की छत्तीसगढ़ में चुनावी आंकड़े क्या रहे. .. … …

CINC 68       BJP 16      CC(J) 4        BSP 2      CPI 0

तो दोस्तों ऊपर दिए गए आंकड़ों से आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं की कांग्रेस ने बहुमत हासिल करते हुए भाजपा को बुरी तरह से हरा दिया है। छत्तीसगढ़ की जनता ने इस बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देते हुए बीजेपी के मुँह पर जोरदार तमाचा जड़ दिया है।

नेहा कक्कड़ और हिमांश कोहली के रिश्ते में आई दरार, क्या हो गए हैं एक-दूसरे से अलग?

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम 2018

नमस्कार दोस्तों,

दोस्तों मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजों के लिए आज वोटों की गिनती सुबह से जारी है. आज जैसे जैसे ईवीएम मशीन खुलते गए और वोटों की गिनती होने लगी वैसे वैसे कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों और समर्थकों के चेहरे पर खुसी का भाव उभरने लगा. वहीँ दूसरी ओर भाजपा के चेहरे पर मायूसी छाती दिखाई पड़ने लगी.

11 दिसंबर 2018 : विधानसभा चुनाव रिजल्ट की ताजा खबर

दोस्तों आज सुबह जैसे ही ईवीएम मशीने खुले और वोटों की गिनती शुरू हुई तो सुरुवात से लेकर अंत तक कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही। दोनों ही पार्टियों में जीत को लेकर असमंजस की इस्थिति बनी रही क्योंकि मामला एकदम करीबी वोटों से उलझा रहा कभी कांग्रेस 110 और बीजेपी 111 सीट पर तो कभी ठीक इसके उलट परिणाम देखने को मिल रहे थे। सीटों पर यह उलट फेर तकरीबन 10:30 तक बनी रही और फिर अंततः कांग्रेस ने बढ़त पाने में कामयाबी हासिल की.

 

10 दिसंबर 2018 : आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर दिया इस्तीफा

यहा  बीजेपी ने कांग्रेस को भले ही कड़ा मुकाबला दिया हो पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए की पिछले 15 वर्षों से यहां बीजेपी की सरकार थी। बहोत ही शर्म की बात है की जो सरकार 15 सालों तक सत्ता में थी वह समय मिलने के बावजूद जनता के बीच अपना विश्वास कायम नहीं कर पाई। 

नेहा कक्कड़ और हिमांश कोहली के रिश्ते में आई दरार, क्या हो गए हैं एक-दूसरे से अलग?

 

आइए देखते हैं की मध्यप्रदेश में चुनावी आंकड़े क्या रहे. .. … … 

Party
Seats
INC
114
49.6%
BJP
109
47.4%
BSP
2
0.9%
GGP
0
0%
Other parties
5
2.2%

तो दोस्तों ऊपर दिए गए आंकड़ों से आप यह अंदाज़ा लगा सकते हैं की कांग्रेस ने बहुमत हासिल करते हुए भाजपा को बुरी तरह से हरा दिया है। मध्यप्रदेश की जनता ने इस बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देते हुए बीजेपी के मुँह पर जोरदार तमाचा जड़ दिया है।